शनिवार, 28 जुलाई 2012

ओलिम्पिक खेल : महत्वपूर्ण जानकारी

ओलिम्पिक खेल
खेल की दुनिया में प्रतियोगिताओं का सबसे बड़ा समारोह है ओलिम्पिक। इसकी प्रेरणा यूनान के पुराने खेल समारोहों से ली गई है जो ईसा से आठ सदी पहले से लेकर ईसा की चौथी सदी तक ओलिम्पिया में होते रहे। यानी तकरीबन बारह सौ साल तक ये खेल यूनान में हुए। दरअसल पुराने यूनान में सिर्फ ओलिम्पिक ही नहीं, चार खेल समारोह होते थे।
1.ओलिम्पिक, जो ओलिम्पिया में हर चार साल बाद होते थे।
2.पायथियन गेम्स जो डेल्फी में हर चार साल बाद होते थे। इन खेलों का ओलिम्पिक खेलों से दो साल का अंतराल होता था।
3.नीमियन गेम्स, जो नीमिया में होते थे।
4.इस्थमियन गेम्स, जो कोरिंठ शहर में होते थे।
नीमियन और इस्थमियन खेल दो साल के अंतराल में होते थे। यानी ओलिम्पिक और पायथियन गेम्स के बीच के साल में। इस तरीके से एक ओलिम्पक से दूसरे ओलिम्पिक तक हर साल खेल समारोह होते थे। इस चार साल के समय चक्र को ओलिम्पियाड कहते थे। और इन चारों खेलों को पैन हैलेनिक गेम्स कहा जाता था।
इन पुराने खेलों की परम्परा में आधुनिक खेलों को जन्म देने का श्रेय फ्रांस के शिक्षाशास्त्री पियरे द कूबर्तिन को जाता है। पेरिस में जन्मे कूबर्तिन शाही परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनकी दिलचस्पी शिक्षा के साथ-साथ इतिहास में भी थी। और पुराने यूनान के विवरण उन्हें रोमांचित करते थे। संयोग से कूबर्तिन 1883 में ब्रिटेन के प्रसिद्ध रग्बी स्कूल में गए, जिसे प्रसिद्ध शिक्षाशास्त्री टॉमस आरनल्ड ने स्थापित किया था। इस स्कूल में शारीरिक शिक्षा के कार्यक्रम से वे खासे प्रभावित हुए। धीरे-धीरे उन्होंने शारीरिक शिक्षा के एक दर्शन को विकसित किया, जिसमें एथेंस के पुराने जिम्नेज़ियमों से प्रेरणा ली। खेलों का सामाजिक विकास से एक रिश्ता उन्होंने जोड़ा।
ओलिम्पिक खेलों को शक्ल देने का श्रेय ब्रिटेन के सर्जन, मजिस्ट्रेट और शिक्षाशास्त्री डॉ विलियम पेनी ब्रुक्स को भी दिया जाना चाहिए, जो पाठ्यक्रम में शारीरिक शिक्षा को जगह दिलाने के लिए जद्दो-ज़ेहद कर रहे थे। 1890 में दोनों की मुलाक़ात हुई और 1894 में कूबर्तिन ने अंतरराष्ट्रीय कमेटी (आईओसी) की स्थापना की। और 1896 में एथेंस में पहले ओलिम्पिक खेल हुए। वस्तुतः आधुनिक ओलिम्पिक खेलों का काफी श्रेय डॉ विलियम पेनी ब्रुक्स को दिया जाना चाहिए क्योंकि उनकी प्रेणा से श्रॉपशर, इंग्लैंड में सन 1850 से वैनलॉक ओलिम्पियन सोसायटी एनुअल गेम्स चल रहे थे, जिसकी परम्परा आज भी जीवित है। इसीलिए लंदन के ओलिम्पिक खेलों में जो दो मैस्कट हैं उनमें एक का नाम वैनलॉक है।  
ओलिम्पिक खेलों के बाकी इतिहास पर जाने के पहले यह बताना ज़रूरी है कि आज चार तरीके के ओलिम्पिक खेल होते हैं। एक गर्मियों के ओलिम्पिक, दूसरे सर्दियों के ओलिम्पिक, एक पैरालिम्पिक, यानी शारीरिक रूप विकल खिलाड़ियों के ओलिम्पिक और एक यूथ ओलिम्पिक। सर्दियों के ओलिम्पिक खेल 1924 से शुरू हुए हैं। यूथ ओलिम्पिक भी गर्मियों और सर्दियों के अलग-अलग होते हैं। इनकी शुरूआत हाल में हुई है। पहले यूथ ओलिम्पिक खेल सन 2010 में सिंगापुर में हुए थे और पहले यूथ विंटर ओलिम्पिक इस साल जनवरी में इंसब्रुक, ऑस्ट्रिया में हुए। दूसरे ग्रीष्मकालीन ओलिम्पिक 2014 में नानजिंग, चीन में और 2016 के शीतकालीन ओलिम्पिक 2016 में लिलेहैमर, नॉर्वे में होंगे। पैरालिम्पिक खेल ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन खेलों के साथ ही होते हैं। इनकी शुरूआत 1948 में हुई। पैरालिम्पिक खेल आयोजित कराने के लिए आईपीसी नाम की संस्था अलग है। शीतकालीन खेल मूलतः बर्फीली सतह पर खेले जाने वाले खेल होते हैं।  
आईओसी की स्थापना 23 जून 1894 को हुई। इसके पहले अध्यक्ष थे यूनान के देमेत्रियोस विकेलास। 1896 में खुद कूबर्तिन इसके अध्यक्ष बने और वे 1925 तक इसके अध्यक्ष रहे। इसका मुख्यालय लाउज़ाने, स्विट्ज़रलैंड में है। इन दिनों इसके अध्यक्ष हैं याकस काउंट रोग। ओलिम्पिक खेलों के संचालन के लिए एक ओलिम्पिक चार्टर है जिसमें इसके नियमो की व्याख्या की गई है। इस चार्टर में अबतक अनेक संशोधन भी हुए हैं। ओलिम्पिक खेलों में दुनियाभर के देश शामिल होते हैं। इस वक्त 205 देशों की ओलिम्पिक समितियाँ आईओसी से मान्यता प्रापित हैं।  आईओसी में 105 सक्रिय सदस्य हैं और 32 मानद। इसके सदस्यों की संख्या ज्यादा से ज्यादा 115 हो सकती है। इनका कार्यकाल आठ साल का होता है और वे भविष्य में भी चुने जा सकते हैं। आईओसी की कामकाज की भाषा अंग्रेजी और फ्रेंच है।
ओलिम्पिक गीत
1896 के ओलिम्पिक खेल शुरू होने पर एक गीत गाया गया था। ग्रीक कवि कोस्टिस पलामास के लिखे और संगीतकार स्पाइरिडॉन समारास के संगीतबद्ध इस गीत को उसी वक्त ओलिम्पिक गीत घोषित नहीं किया। 1957 में आईओसी ने इसे ओलिम्पिक गीत के रूप में स्वीकार किया। इसके बाद हरेक ओलिम्पिक खेल में एक स्थानीय ओलिम्पिक गीत भी शामिल होने लगा है।  
ओलिम्पिक खेल शुरूआत में पूरी तरह शौकिया खेल थे, पर 1986 से चार्टर में बदलाव करके पेशेवर खिलाड़ियों को भी हिस्सा लेने की अनुमति दे दी गई है।
ओलिम्पिक प्रतीक
ओलिम्पिक खेलों का सूत्रवाक्य है सिटियस, एल्टियस, फोर्टियस। इन लैटिन शब्दों का अंग्रेजी में अर्थ है फास्टर, हायर एंड स्ट्रांगर। माने तीव्रतर, उच्चतर और दृढ़तर। यानी नई से नई सीमाएं पार करो।
ओलिम्पिक खेलों का प्रतीक चिह्न है पाँच रंगों के पाँच वृत्त जो एक-दूसरे से जुड़े हैं। सफेद पृष्ठभूमि पर नीले, पीले, काले, हरे और लाल रंग के पाँच वृत्त दुनिया के पाँच महाद्वीपों प्रतिनिधित्व भी करते हैं। इन वृत्तों की रचना स्वयं कूर्बतिन ने 1912 में की थी, पर इन्हें आधिकारिक रूप से ओलिम्पिक चिह्न बनाने में समय लगा और पहली बार 1920 के एंटवर्प खेलों में इन्हें ओलिम्पिक ध्वज में जगह मिली। इस झंडे को आज भी एंटवर्प फ्लैग कहा जाता है।
पहले ओलिम्पिक खेल
6 से 15 अप्रेल 1896 को एथेंस के पैनाथेनिक स्टेडियम में पहले ओलिम्पिक खेल हुए थे। इन खेलों में 14 देशों के 241 एथलीटों ने हिस्सा लिया। नौ खेलों की कुल 43 प्रतियोगिताएं इसमें हुईं। ये खेल थे एथलेटिक्स, सायकिलिंग, फेंसिंग, जिम्नास्टिक्स, शूटिंग, स्विमिंग, टेनिस, वेट लिफ्टिंग और कुश्ती। उस वक्त एक सलाह दी गई कि एथेंस को स्थायी रूप से ओलिम्पिक खेलों के आयोजन का काम दे दिया जाए, पर आईओसी ने इस विचार को स्वीकार नहीं किया और दूसरे खेल सन 1900 में पेरिस में करने का फैसला किया गया। जहाँ एथेंस में 14 देशों के 241 एथलीटों ने हिस्सा लिया वहीं 2008 के पेइचिंग ओलिम्पिक में 204 देशों के 10500 खिलाड़ियों ने भाग लिया।
1896 के पहले ओलिम्पिक खेलों में स्त्रियों को भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई। फिर भी स्तामाता रेविती नाम का एक स्त्री ने 11 अप्रेल को मैराथन दौड़ के उस मार्ग में पूरी दौड़ लगाई जिसपर पहले पुरुष दौड़ चुके थे। 17 महीने के बेटे की माँ रेविती को स्टेडियम में प्रवेश नहीं दिया गया, पर उसने आसपास ख़ड़े लोगों से दस्तखत कराए कि उसने पाँच घंटे और तकरीबन तीस मिनट में वह दौड़ पूरी की। उस दौड़ के कागज़ात आज नहीं मिलते, पर रेविति ने अपना नाम अमर कर दिया। सन 1900 में पेरिस में हुए ओलिम्पिक खेलों में महिलाओं को भी भाग लेने की अनुमति दे दी गई। उन खेलों में 20 महिलाओं ने हिस्सा लिया।
ओलिम्पिक खेलों के पहले यूनान से आयोजन स्थल तक मशाल लाने की शुरूआत 1936 के बर्लिन गेम्स से हुई। खेल शुरू होने के महीनों पहले ओलिम्पिया में प्राचीन खेल स्थल पर सौर किरणों की मदद से एक मशाल जलाई जाती है। इस मशाल को दुनियाभर के खिलाड़ी, राजनेता, सेलेब्रिटी और सामान्य लोग लेकर जाते हैं और अंततः यह आयोजन स्थल तक पहुँचती है।
खेलों की सूची
ओलिम्पिक खेलों में कुछ खेल हट जाते हैं और कुछ नए खेल आ भी जाते हैं। मसलन पोलो और रस्साकशी अब इनका हिस्सा नहीं हैं। टेनिस और आर्चरी लम्बे समय तक इनमें शामिल नहीं रहे, पर अब इनकी वापसी हो गई। यों 35 खेलों की 400 के आसपास प्रतियोगिताएं स्वीकृत हैं। पर सभी प्रतियोगिताएं हरेक ओलिम्पिक में नहीं होतीं।
The 2012 Summer Olympic program features 26 sports and a total of 39 disciplines:
1.Aquatics: Diving (8), Swimming (34), Synchronized swimming (2), Water polo (2)
2.Archery (4)
3.Athletics (47)
4.Badminton (5)
5.Basketball (2)
6.Boxing (13)
7.Canoeing: Sprint (12), Slalom (4)
8.Cycling : BMX (2), Mountain biking (2), Road (4), Track (10)
8. Equestrian : Dressage (2), Eventing (2), Jumping (2)
10. Fencing (10)
11. Field hockey (2)
12. Football (2)
13. Gymnastics: Artistic (14), Rhythmic (2), Trampoline (2)
14. Handball (2)
15.Judo (14)
16. Modern pentathlon (2)
17. Rowing (14)
18. Sailing (10)     
19.Shooting (15)
20. Table tennis (4)
21. Taekwondo (8)
22. Tennis (5)
23. Triathlon (2)
24: Volleyball : Volleyball (2), Beach volleyball (2)
25. Weightlifting (15)
26. Wrestling: Freestyle (11), Greco-Roman (7)
मैराथन दौड़
सन 2010 में ग्रीस ने मैराथन दौड़ के ढाई हज़ार साल पूरे होने पर समारोह किया था। ईपू सन 490 में फारस की सेना के साथ एथेंस की सेना का मैराथन में युद्ध हुआ था। इस युद्द में विजय की सूचना देने के लिए फिडीपीडस नाम के संदेशवाहक ने तकरीबन 240 किलोमीटर लम्बी दौड़ लगाई थी। विजय संदेश देने वाला वह संदेशवाहक मर गया, पर उसकी याद में यह सबसे लम्बी दौड़ आज भी चल रही है। आज इसकी मानक दूरी 42.195 किलोमीटर यानी 26 मील 385 गज है।
एथलेटिक्स
आपने एथलेटिक्स के स्टेडियम पर ध्यान दिया होगा तो वह दो हिस्सों में मिलेगा। उसमें एक साथ कई प्रतियोगिताएं चलतीं हैं। इसका हिस्सा ट्रैक होता है, जो मैदान के चारों ओर ओवल की शक्ल में होता है। इसमें शॉर्ट डिस्टेंस, मिडिल डिस्टेंस और लांग डिस्टेंस की रेस होती हैं। रेस में हर्डल्स और रिले रेस भी होती हैं। बीच में फील्ड के ईवेंट होते हैं, जिनमें थ्रो और जम्प होते हैं। थ्रो में जेवलिन, डिस्कस, गोला और तारगोला फेंक प्रतियोगिताएं होतीं हैं। इसके अलावा जम्प होते लांग जम्प, ट्रिपल जम्प और हाई जम्प वगैरह। एथलेटिक्स में वॉक होती है और डिकेथलन और पेंटाथलन प्रतियोगिताएं भी होती हैं।
कहाँ-कहाँ हुए ओलिम्पिक खेल
1896 - Athens, Greece
1900 - Paris, France
1904 - St. Louis, United States
1908 - London, United Kingdom
1912 - Stockholm, Sweden
1916 - Scheduled for Berlin, Germany*
1920 - Antwerp, Belgium
1924 - Paris, France
1928 - Amsterdam, Netherlands
1932 - Los Angeles, United States
1936 - Berlin, Germany
1940 - Scheduled for Tokyo, Japan*
1944 - Scheduled for London, United Kingdom* 1948 - London, United Kingdom
1952 - Helsinki, Finland
1956 - Melbourne, Australia
1960 - Rome, Italy
1964 - Tokyo, Japan
1968 - Mexico City, Mexico
1972 - Munich, West Germany (now Germany)
1976 - Montreal, Canada
1980 - Moscow, U.S.S.R. (now Russia)
1984 - Los Angeles, United States
1988 - Seoul, South Korea
1992 - Barcelona, Spain
1996 - Atlanta, United States
2000 - Sydney, Australia
2004 - Athens, Greece
2008 - Beijing, China
2012 - London, United Kingdom
2016 - Rio de Janeiro, Brazil
2020 - Candidate host cities: Istanbul, Tokyo, or Madrid (host city to be selected September 2013)
                       
World Wars led to the cancellation of the 1916, 1940, and 1944 Games. Large boycotts during the Cold War limited participation in the 1980 and 1984 Games.
साभार -  http://gyaankosh.blogspot.in
 

शुक्रवार, 27 जुलाई 2012

एशिया महाद्वीप : महत्वपूर्ण तथ्य

विश्व में एशिया की स्थिति
#  एशिया शब्द की उत्पत्ति हिब्रू भाषा के आसू शब्द से हुई है . जिसका शाब्दिक अर्थ उदित सूर्य होता है . पुरे विश्व में सबसे पहले सूर्य उदय एशिया (जापान को उगते सूर्य का देश कहते है  ) में ही होता है .
# एशिया को " सभ्यताओ का पालना "  कहते है , क्योंकि प्राचीन विश्व की कई सभ्यताएं यही पली जैसे - सुमेरियाई सभ्यता , मेसोपोटामिया सभ्यता (ईराक ) , चीन की सभ्यता , सिन्धु  घाटी सभ्यता , फारस (ईरान) की सभ्यता , अरब सभ्यता आदि .
# एशिया को " सभी धर्मो का जन्मस्थान"  कहा जाता है . एशिया में हिन्दू  (भारत में  ) ,पारसी (ईरान में ), यहूदी (इजराईल में ) , ईसाई (इजराईल में ), इस्लाम  (अरब में ) . कन्फ्युसियास (चीन में ) , शिन्तो  (जापान में ), बौद्ध , जैन , सिख (भारत में ) आदि जन्मे है .
# एशिया क्षेत्रफल ( विश्व का ३० % ) और जनसंख्या ( विश्व का ६० % )  में विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है .
 # एशिया  में विश्व का सबसे ऊँचा पर्वत - हिमालय  ,
एशिया  में विश्व का  सबसे ऊँचा  शिखर  - माउंट एवरेस्ट
 एशिया  में विश्व का सबसे ऊँचा पठार - तिब्बत का पठार,
 एशिया  में विश्व की  सबसे ऊँची खरे पानी की झील - पैगांग झील (तिब्बत ),
एशिया  में विश्व की   सबसे गहरी गर्त - मैरियाना गर्त ( फिलिपीन्स के पास प्रशांत महासागर में ), 
एशिया  में विश्व की   सबसे बड़ी झील - कैस्पियन सागर ,
एशिया  में विश्व का  सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान - मोसिनराम ( मेघालय , भारत ) ,
एशिया  में विश्व का  सबसे लम्बा प्लेटफार्म - खड़कपुर ,
 एशिया  में विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा - सुंदरबन डेल्टा ( भारत- बंगलादेश ) ,
एशिया  में विश्व का  सर्वाधिक जनसँख्या वाला देश - चीन ,
एशिया  में विश्व की   सबसे अधिक घनी आबादी वाला देश - सिंगापूर ,
एशिया  में विश्व का  सबसे बड़ा लोकतंत्र  - भारत , 
एशिया  में विश्व का सबसे अधिक नदियों वाला देश - भारत ,
एशिया  में विश्व का  सबसे अधिक नहरों वाला देश - पाकिस्तान ,
एशिया के  देश
एशिया  में विश्व का  सबसे अधिक गेंहू / चावल / तम्बाकू उत्पादन वाला देश - चीन ,
 एशिया  में विश्व का सबसे अधिक चाय/गन्ना/ शक्कर/ दूध /साब्जियाँ / आम  के उत्पादन वाला देश - भारत ,
एशिया  में विश्व का  सबसे अधिक जलयान बनाने वाला देश - जापान ,

एशिया  में विश्व का  सबसे अधिक समाचारपत्र पढने वाला देश - हांगकांग,
एशियाई संस्कृति के कई रंग !
एशिया  में विश्व का सबसे अधिक द्वीपों वाला देश - इंडोनेशिया (लगभग १३,००० ) ,

गुरुवार, 26 जुलाई 2012

पढने में मन क्यों नही लगता है ?

प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी करने वाले प्रतियोगियों की सबसे आम समस्या है , पढने में मन न लगना . इसका सबसे बड़ा कारण है एकाग्रता की कमी . अमेरिकी मनोवैज्ञानिक अर्नेस्ट वुड अपनी पुस्तक " Concentration  " में एकाग्रता के बारे में बहुत शोधपूर्ण विचार व्यक्त किये है . लेकिन हम उस पुस्तक के उन अंशो की चर्चा करेंगे  जो परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है .अर्नेस्ट वुड ने एकाग्रता के पांच शत्रु बताये है .
आलस्य - एकाग्रता का सबसे बड़ा शत्रु आलस्य होता है . आलस्य से इन्द्रियों की क्षमता कम होती है , ये मन या दिमाग की सजगता को कम कर देता है . और मन में उत्साह की कमी के कारण हताशा का भाव उत्पन्न होने  लगता है .
निरर्थक बोलना - एकाग्रता का दूसरा शत्रु निरर्थक बोलना है  . यदि हम इस बात पर ध्यान दे कि हम दिन भर क्या रहे है , तो जानेंगे कि  हमारी अधिकतर बातें उद्देश्यहीन होती है . फ़िल्मी चर्चा, गपशप और पर निंदा आदि इसी श्रेणी में आती है . इससे   ऊर्जा तो बर्बाद होती है ही  , साथ ही एकाग्रता करना मुश्किल हो जाता है .
निरर्थक विचार - हम बाहर बोलना भी बंद करदे लेकिन मन में निरर्थक चलते है , वह तो और भी घातक है . विचार सीधे मन पर ही प्रभाव डालते है. निरुद्देश्य विचार एकाग्रता को पूरी तरह नष्ट कर देते है . घर बैठ कर टी वी देखना . कंप्यूटर/ मोबाइल पर गेम्स खेलना , सोशल नेटवर्किंग साईट्स पर समय बिताना , फ़िल्मी गाने सुनना भी निरर्थक विचारो को बढ़ावा देते है . 
निरर्थक क्रिया - एकाग्रता का चौथा शत्रु है , निरर्थक क्रिया . हमारी आदतों में कई ऐसी निरर्थक बातें आ जाती है , जिनका कोई अर्थ या उपयोग नही होता है . जैसे  - बार- बार बालों पर हाथ फेरना, गर्दन हिलाना , हाथ या पैर हिलाना , बार-बार कपड़ो को सही करना आदि . इन क्रियाओ का कोई उद्देश्य या उपयोग नही है . इन क्रियाओ से ऊर्जा का व्यर्थ अपव्यय होने के साथ ही मन को भी ये अश्थित कर देती है .इन आदतों को स्वयं के निरिक्षण से या मित्रो के सहयोग से पहचान कर इनसे मुक्ति पा सकते  है  .अगर  मित्र हमें टोकने लगेुछ  समय में ही इनसे हम मुक्त  हो सकते है .
लोभ या ईर्ष्या - मन में जब प्राप्ति की तीव्र इच्छा होती है , तब उसे लोभ कहते है , और जब किसी से जलन होने लगे  तो उसे ईर्ष्या कहते है . दोनों मन के विकार है . ये सभी एकाग्रता में बाधा डालते है . वर्तमान में फैशन का आकर्षण भी मन में लोभ और ईर्ष्या का कारण बनता है मन भी अस्थिर होने लगता है .
आसक्ति या लगाव - एकाग्रता का अंतिम शत्रु है , आसक्ति या लगाव . अर्नेस्ट वुड कहते है कि इश्वर के अलावा अन्य किसी वास्तु या व्यक्ति में अत्यधिक लगाव भी एकाग्रता में बाधक होता है . आसक्ति से मन उस वास्तु या व्यक्ति में लगा रहता है . पढाई करते समय इन संकुचित विचारो का प्रवाह चलता रहता है . और मन कि एकाग्रता भंग हो जाती है .  
           यदि हम एकाग्रता के इन शत्रुओ  को हरा  कर  सफल परीक्षार्थी बनना चाहते है , तो हमें अपने पुरे व्यक्तित्व को बदलने के लिए तैयार रहना होगा .
साभार - परीक्षा दे हँसते हँसते
           (  मुकुल कानिटकर )
विवेकानंद केंद्र प्रकाशन ,कन्याकुमारी 
 फोन - ०४६५२-२४७०१२  

मंगलवार, 24 जुलाई 2012

अलंकार और उसके भेद ( भाग - 2 )

 पिछली बार हमने अलंकार और उसके प्रकारों के बारे में पढ़ा  था . शब्द अलंकार के प्रकारों को समझा था. इस   बार हम  अर्थ अलंकार  और उसके भेद को जानेंगे . 
उपमा अलंकार 
परिभाषा - जहाँ दो वस्तुओ अथवा व्यक्तियों  के रूप में या धर्म अथवा प्रभाव की दृष्टि सदृश्य (समानता ) वर्णित हो वहां उपमा अलंकार होता है . इसमें तुलना की जाती है .
 जैसे - राधा चन्द्र सी सुन्दर है
उपमा के अंग - 
१- उपमेय (प्रस्तुत ) - जिसके लिए उपमा दी जाती है , या जिसकी तुलना की जाती है .
२- उपमान (अप्रस्तुत )- जिससे उपमा दी जाती है , या जिससे तुलना की जाती है . 
३- वाचक शब्द - वह शब्द , जिसके द्वारा समानता प्रदर्शित  की जाती है . जैसे - ज्यों , जैसे , सम , सरिस , सामान आदि 
४- समान धर्म - वह गुण अथवा क्रिया , जो उपमेय और उपमान , दोनों में पाया जाता है . अर्थात जिसके कारन इन दोनों को समान बताया जाता है .   
जैसे - राधा      चन्द्र          सी             सुन्दर
            |              |              |                  |
      उपमेय     उपमान  वाचक शब्द     समान धर्म 
उपमा के दो भेद होते है -  
१- पूर्ण उपमा  - जब उपमा में इसके चारो अंग हो . 
          जैसे - मुख चन्द्रमा के समान सुन्दर है . 
२- लुप्तोपमा  -  जब उपमा के चारो अंगो में से कोई एक या अधिक  अंग लुप्त हो 
                   मुख चन्द्रमा के समान ...........  है . (यहाँ  समान धर्म  लुप्त है ) 
प्रतीप अलंकार 
 यह उपमा का उल्टा होता है . अर्थात जब उपमेय को उपमान और उपमान को उपमेय बना दिया जाता है , तो वहां प्रतीप अलंकार होता है . 
जैसे - चन्द्रमा मुख के सामान सुन्दर है . 
रूपक अलंकार  
जहाँ उपमेय को  उपमान में ही आरोपित कर दिया जाये , वहां रूपक अलंकार होता है . 
जैसे - मुख चन्द्रमा है . 
        ( यहाँ मुख पर "चन्द्रमा " का आरोप किया गया है )
उत्प्रेक्षा अलंकार 
जब उपमेय में उपमान की सम्भावना की जाती है , तब उत्प्रेक्षा  अलंकार होता है  .
लक्षण - मनु, जनु, मनो , मानहु , मानो, जानहु आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है . 
जैसे - मुख मानो चन्द्र है . 
संदेह अलंकार 
जब उपमेय में उपमान का संदेह हो , तब संदेह अलंकार होता है . 
 जैसे -  यह मुख है या चन्द्र है . 
भ्रांतिमान अलंकार 
जब भ्रमवश उपमेय को उपमान समझ लिया जाता है , तो भ्रांतिमान अलंकार होता है . 
जैसे - मुन्ना  तब मम्मी के सिर  पर देख-देख दो चोटी
         भाग उठा भय मानकर , सिर पर सांपिन लोटी 
     
अतिश्योक्ति अलंकार 
जब किसी की अत्यंत प्रशंसा के लिए कोई बात बहुत बढ़ा चढ़ा कर अथवा लोक सीमा का उल्लंघन करके कहा जाये , तो वहां अतिश्योक्ति अलंकार होता है . 
जैसे - हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग 
          लंका सबरी जल गयी , गये निशाचर भाग  
विभावना अलंकार 
जब किसी कार्य- कारन के सम्बन्ध में कोई विलक्षण बात कही जाती है , तब वहां विभावना अलंकार होता है . 
जैसे - बिनु पद चले , सुने बिनु काना 
व्यतिरेक अलंकार 
जब उपमेय को उपमान की अपेक्षा बढ़कर बताया जाये तो व्यतिरेक अलंकार होता है .
जैसे - साधू ऊँचे शैल सम , किन्तु पृकृति  सुकुमार 
अनन्वय अलंकार 
जब उपमेय का कोई उपमान न होने के कारन उपमेय को ही उपमान बना दिया जाता है , तब उसे अनन्वय अलंकार होता है . 
जैसे - मुख मुख ही के सामान सुन्दर है .
 
 







रविवार, 15 जुलाई 2012

मानसून क्या है ? कब , कहाँ से और कैसे आता है ?

भारत में मानसून का बड़ा बेसब्री से इन्तजार होता है , भारतीय कृषि को मानसून का जुआ कहते है . तो आइये हम मानसून के बारे में जानते है , कि ये कब ,कैसे और कहाँ से आता है .


संवहनीय वर्षा की उत्पत्ति

मानसून अरबी भाषा का शब्द है, जो  कि मौसिम  शब्द से उत्पन्न हुआ है , जिसका अर्थ होता है -हवाएं  मानसून शब्द हिप्पोलस  ने दिया था . भारत में जिन सागरीय पवने  के माध्यम से वर्षा  होती है , उन्हें मानसूनी पवने कहते है . भारत में दो तरह का मानसून आता है - 
1 . - ग्रीष्म कालीन /दक्षिण पश्चिमी  मानसून  (जून से मध्य अक्तूबर तक  )
2 .- शीत कालीन / उत्तर पूर्वी मानसून  (नवम्बर से जनवरी तक )

            भारत में दो तरह का मानसून आता है, ग्रीष्म कालीन  और शीत कालीन  

 मानसून की उत्पत्ति   :-
मानसून की उत्पत्ति के कई सिद्धांत प्रचलित है -
१- तापीय सिद्धांत 
२- ITCZ सिद्धांत (विषुवतीय पछुआ पवन की संकल्पना ) 
३- जेट धारा सिद्धांत  
४- अलनीनो एवं ला नीनो सिद्धांत 
५- हेडली चक्र एवं वाटर चक्र सिद्धांत 
६- दक्षिण ध्रुवीय / उत्तर ध्रुवीय प्रभाव 
७- सोमाली प्रभाव  
ITCZ सिद्धांत के अनुसार   दक्षिण -पश्चिमी मानसून विषुवतीय पछुआ पवन के भारत में प्रवेश करने से उत्पन्न होती  है . 

सोमालिया तट पर उत्पन्न होने वाली सोमाली ठंडी   धारा के कारण अरब सागर के उच्च वायुदाब में वृद्धि होती है , जो दक्षिण -पश्चिम मानसून को मजबूत करती है . 













रविवार, 8 जुलाई 2012

सामान्य हिंदी : अलंकार परिचय

आजकल प्रतियोगी परीक्षाओ में सफलता के लिए सामान्य हिंदी एक महत्पूर्ण कारक की भूमिका निभा रहा है . अक्सर प्रतियोगी हिंदी को सरल समझ कर ज्यादा ध्यान नही देते , जो असफलता का एक कारण हो सकता है . हिंदी के महत्त्व को देखते हुए  परीक्षोपयोगी महत्वपूर्ण अलंकारो का वर्णन  किया जा रहा है . 
परिभाषा - काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहते है . 
अलंकार शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है - आभूषण

अलंकार मुख्यतः दो प्रकार के होते है -
१- शब्दालंकार 
२- अर्थान्लंकर 
 ( कहीं कहीं अलंकार का तीसरा प्रकार  उभयालंकार  भी मिलता है )
१- शब्दालंकार - जहाँ काव्य में शब्दों के कारण चमत्कार आ जाता है , वहां शब्दालंकार होता है .  
 शब्दालंकार के कुछ प्रमुख भेद है -
अनुप्रास शब्दालंकार - वर्णों (अक्षरों ) की आवृत्ति को अनुप्रास कहते है . किसी वर्ण का एक से अधिक बार आना आवृत्ति है . 
     "स्वर का सम्मलेन जहाँ , चाहे  होय न होय 
      व्यंजन की समता मिले , अनुप्रास है सोय . " 
उदहारण - 
१- चारू चन्द्र की चंचल किरणे , खेल रही है , जल थल  में 
 (च और ल वर्ण की आवृत्ति )
२- तरनी तनूजा तट- तमाल तरुवर बहु छाये 
(त वर्ण की आवृत्ति )
३- सुन सिय सत्य असीस हमारी 
( स वर्ण की आवृत्ति ) 
४-  मुदित महीपति मंदिर आये , सेवक सचिव सुमंत बुलाये 
  ( म और स वर्ण की आवृत्ति ) 

यमक शब्दालंकार - यमक का शाब्दिक अर्थ है जुड़वाँ या दो . इस अलंकार में एक बार- बार आये लेकिन उसका अर्थ बदल जाये . 
"एक ही शब्द फिर फिर जहाँ परे अनेकन बार 
    अर्थ और ही और हो सो यमकलंकर  "
उदहारण - 
१- कनक- कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय
  या    खाए    बौराय   जग , वा पाए   बौराय .  
( पहले कनक का अर्थ धतूरा , और दुसरे कनक का अर्थ सोना है )
२-  जे तीन बेर खाती थी , वे तीन बेर खाती है .
( तीन बेर - तीन बार और तीन बार - तीन बेर के फल )
३- लहर लहर कर यदि चूमे तो  , 
   किंचित विचलित न होना 
(लहर- तरंग , लहर - मचलना ) 
श्लेष शब्दालंकार - श्लेष शब्द का अर्थ है ,  चिपका हुआ. जहाँ एक शब्द से अनेक अर्थ चिपके हुए हो . 
प्रगट अनेकन अर्थ जहँ, एक शब्द से होय 
ताहि कहत है श्लेष कवि, द्वै विधि होवे सोय 
 उदहारण -     - 
१- जो रहीम गति दीप की , कुल कपूत गति सोय 
बारै उजियारो करै , बढे अँधेरा होय 
(बारै  - बचपन में , जलाने पर : बढे - बड़ा होने पर , बुझने पर )
२- रहिमन पानी रखिये , बिन पानी सब सून 
  पानी गये न ऊबरे , मोती , मानुस  चून
( पानी - चमक , सम्मान  और जल ) 
२- अर्थालंकार - जब शब्दों के अर्थ से चमत्कार स्पष्ट हो तो वहां अर्थालंकार होता है . 
 उपमा  - जहँ एक वस्तु अथवा प्राणी की तुलना अत्यंत सादृश्य के कारण किसी प्रसिद्द वस्तु या प्राणी से की जाये , वहां उपमा अलंकार होता है . 
उदहारण -
१-           सिन्धु- सा विस्तृत है अथाह 
               एक निर्वासित का उत्साह  
(यहाँ "उत्साह " की "सिन्धु " से तुलना की गयी है
२ - सीता का मुख चन्द्रमा के सामान सुन्दर है 
उपमा के अंग - 
I . उपमेय - जिसके लिए उपमा दी जाये ( जैसे - सीता )
II . उपमान - जिससे उपमा दी जाती है   (जैसे - चन्द्रमा)
III .वाचक शब्द - जिस शब्द के द्वारा समानता बताई जाई . (जैसे - सामान )
IV . सामान धर्म - वह गुण या क्रिया  , जो उपमेय और उपमान में एक सामान हो   ( जैसे - सुन्दरता  )
क्रमशः -

बुधवार, 4 जुलाई 2012

समसामयिक महत्वपूर्ण तथ्य

# राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने सचिन तेंदुलकर, रेखा और अनु गागा  को राज्यसभा के लिए नामांकित किया है
 (अनु० 80 के अनुसार राष्ट्रपति राज्यसभा में 12 सदस्य कला , संस्कृति और विज्ञान क्षेत्र से नामांकित कर सकता है , पर इन्हें राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने का अधिकार नही होता है .)
प० बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
# प्रसिद्द पत्रिका "टाइम " ने विश्व की 100 सर्वाधिक प्रभावशाली व्यक्ति की वर्ष 2012  की सूची में भारत से ममता बनर्जी ( प० बंगाल की मुख्यमंत्री ) और अंजलि गोपालन (समलैंगिक मुद्दों पर लड़ने वाली वकील ) को शामिल किया है .
# गुलाम ई० वाहनवती को और दो साल के लिए दोबारा  भारत का महा न्यायवादी (अटार्नी जनरल  ऑफ़ इंडिया ) नियुक्त किया गया है . वाहनवती भारत के पहले मुस्लिम  महान्यायवादी है .
फ़्रांस के राष्ट्रपति फ़्रेन्कोईस ओलांदे
फ़्रेन्कोईस ओलांदे  फ़्रांस के नव निर्वाचित राष्ट्रपति बने है . 
#  टाइम पत्रिका ने इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण स्थानों की सूची ताज महल (आगरा ) ,महाबोधी मंदिर  (बोध गया ) के साथ वाल स्ट्रीट (न्यूयार्क ), वेटिकन म्यूजियम , वाटर लू , एथेंस , मक्का , इस्ताम्बूल , सिडनी का ओपेरा हाऊस, फुकुशीमा गीजा के पिरामिड आदि  को शामिल किया गया है . 
# नेंसी  पावेल भारत में अमेरिका की नई राजदूत नियक्त हुई है .
# व्लादिमीर पुतिन रूस के तीसरी बार राष्ट्रपति चुने गये है , वे रूस के प्रधान मंत्री भी रहे है . 
#  दीपिका कुमारी ने तीरंदाजी के विश्वकप में स्वर्ण पदक जीता है . 
 # भारतीय संसद  ने अपने 60  वर्ष पूर्ण होने पर हीरक जयंती मनाई .
# रविन्द्र नाथ टैगोर की 151  वी जयंती पर भारत सरकार ने उनके नाम पर एक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार  की घोषणा की  है . पहला पुरस्कार प्रसिद्द सितार वादक पंडित रविशंकर को दिया जायेगा . 
# भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग के नये अध्यक्ष रतन कुमार सिन्हा  बनाये गये है , इससे पूर्व श्री सिन्हा भाभा आणविक शोध केंद्र (बार्क ) के निदेशक थे .
# मध्य प्रदेश की स्कूली शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनीस को केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल  ने राज्यों की शिक्षा मंत्रियो की समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है . 
# मध्य प्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा  IMPROVING THE DELIVERY OF PUBLIC SERVICES    श्रेणी में दूसरा पुरस्कार प्रदान किया है . पुरे विश्व से इस श्रेणी में 471  प्रविष्टियाँ थी 
भारत में मानसूनी बादल सेटेलाईट की नजर से ....


# केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (C.R.P.F.) ने विश्व की पहली महिला पाईप बैंड का गठन किया है