शनिवार, 8 जून 2013

साक्षात्कार की तैयारी कैसे करें ? ...1

                                       किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में साक्षात्कार एक महत्पूर्ण स्तर होता है . क्योंकि साक्षात्कार से ही आपके चयन की पूर्णता होती है . अधिकांश प्रतियोगी साक्षात्कार के नाम से ही घबरा जाते है , उन्हें समझ में ही नही आता कि साक्षात्कार की तैयारी कैसे करें . तो ऐसे प्रतियोगियों के लिए मेरा कहना कि साक्षात्कार से इतना घबराने की जरुरत नही है . क्योंकि अधिकांश प्रतियोगी परीक्षायों में कुल अंक में से साक्षात्कार के अंक मात्र 10  से 15 % ही होते है . बाकी अंक तो लिखित परीक्षा के होते है . तो अगर आपको लिखित परीक्षा में अच्छे अंक आने की सम्भावना है , तो फिर साक्षात्कार  से बिलकुल भी डरने की जरुरत ही नही है , क्योंकि आपके लिए साक्षात्कार तो मात्र औपचारिकता ही है , आपका चयन तो लिखित परीक्षा से ही हो जायेगा . क्योंकि अक्सर ये देखा जाता है , कि साक्षात्कार में बहुत अच्छे अंक लाने वाले प्रतियोगी चयनित नही हो पाते है, जबकि अपेक्षाकृत कम अंक वाले सफल हो जाते है . 
       खैर ये तो हुई लिखित परीक्षा में जिनके अच्छे अंक है , लेकिन जिनके अंक औसत है , उन्हें भी घबराने कि जरुरत नही है . यहाँ पहली जरुरी बात बता दूं , कि साक्षात्कार आपके ज्ञान का मूल्यांकन नही है , बल्कि ये आपके व्यक्तिव   का परिक्षण है .   आपके ज्ञान का परिक्षण लिखित परीक्षा में किया जा चुका है . अब चूँकि साक्षात्कार आपके व्यक्तिव का मूल्यांकन है , तो जानते है , कि व्यक्तिव में क्या आता है ?
व्यक्तिव से आशय किसी भी व्यक्ति के चाल-ढाल, रहन-सहन , रूप-रंग , पहनावा के साथ उसके विचार ,वाक् क्षमता , प्रत्युत्पन्नमति (हाजिर- जवाबी ) , बोध क्षमता , आदि का समुच्चय है . 
                                      तो हम अपने व्यक्तिव पर थोडा सा ध्यान देकर अपने साक्षात्कार को प्रभावी बना सकते है . इसके लिए मोक इंटरव्यू का भी सहारा लिया जा सकता है . इसके अलावा अपने साथियों के साथ अपने व्यक्तिव की कमियों-खूबियों पर चर्चा कर उसे प्रभावी बनाया जा सकता है .
                                                            अब बात करते है , साक्षात्कार की तैयारी की . तो साक्षात्कारकर्ताओं  के सामने आपकी पहचान के रूप में सिर्फ आपका बायोडाटा ही होता है , जो फर्स्ट इम्प्रैशन का काम करता है . अतः तैयारी की शुरूआत बायोडाटा से ही करनी चाहिए . बायोडाटा का पहला बिंदु आपका नाम होता है , यह बहुत महत्वपूर्ण है , क्योंकि इसी से आपकी पहचान है . अपने नाम का अर्थ , आपके जीवन और व्यक्तिव से उसका सम्बन्ध , उसका इतिहास (यदि है तो ) , आपके नाम के प्रसिद्द व्यक्ति और उनकी प्रसिद्दि का कारण ( यदि वर्तमान में चर्चित है , तो उसकी जानकारी ) . यदि आपका नाम अतिसामान्य है , तो हो सकता है उस पर कोई प्रश्न ही न हो .
                  इसके बाद आपका उपनाम (सरनेम ) , माता-पिता  के नाम से सम्बंधित जानकारी भी तैयार करें .
                                             इसके बाद बारी आती है , आपकी शिक्षा और योग्यता की , तो अपने स्कूली , कालेज की डिग्रियों और सलग्न दस्तावेजो के बारे में जरुर जानकारी जुटाएं . स्नातक एवं स्नातकोत्तर के विषय सम्बन्धी जानकारी आवश्यक रूप से तैयार करें .
इसके बाद नंबर आता है, आपके गृह नगर/जिले/राज्य   , यदि नौकरी करते है , तो उस नगर/जिले /राज्य की जानकारी तैयार करने की .
अपनी रूचि / अभिरुचि / उपलब्धि आदि के बारे में भी विशिष्ट जानकारी ( क्योंकि ये आपसे ही जुडी है ) तैयार करके रखे .
  यदि आप पूर्व से ही सेवा (शासकीय/ अशासकीय ) में है , तो अपने कार्य , अधिकार , नियम-कानून , योजनाओं की जानकारी पूरी तरह से अपडेट कर ले . विभागीय जानकारी भी तैयार रखे .
समसामयिक घटनाओं का न केवल ज्ञान रखे बल्कि उनके अच्छे-बुरे प्रभाव , सुझाव/ समाधान भी तैयार रखे
यहाँ तक कि साक्षात्कार के दिन भी अख़बार / न्यूज चैनल आदि देख कर जाये .
द्वारा -
मुकेश पाण्डेय 
( मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग से चयनित ) 
क्रमशः जारी रहेगा .....
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